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मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020

श्री कृष्ण से जुडी अनजानी और रहस्यमयी बातें |

 भगवान् श्री कृष्ण के जीवन की कई बाते अनजानी और विचित्र है | आइये जानते है भगवान् श्री कृष्ण के जीवन से जुडी कुछ रहस्मयी बातें --

  1. भगवान् श्री कृष्ण के खड्ग का नाम नंदक, गदा का नाम कौमोदकी और शंख का नाम पांचजन्य था जो गुलाबी रंग का था |
  2. भगवान् श्री कृष्ण के परमधामगमन के समय न तो उनका एक भी केश श्वेत था और न ही उनके शरीर पर कोई झुर्री थी |
  3. भगवान् श्री कृष्ण के धनुष का नाम सारंग था और मुख्य आयुध चक्र का नाम सुदर्शन था| वह लौकिक,  दिव्यास्त्र व् देवास्त्र तीनो रूपों में कार्य कर सकता था उसकी बराबरी के विध्वंशक केवल दो अस्त्र और थे जिसके  नाम थे पाशुपतास्त्र (शिव, कृष्ण और अर्जुन के पास थे ) और दूसरा प्रस्वपास्त्र (शिव, वसुगण,भीष्म और कृष्ण  के पास थे) |
  4. भगवान् कृष्ण की परदादी मारिषा व् सौतेली माँ रोहिणी (बलराम की माँ) नाग जनजाति की थी|
  5. भगवान् श्री कृष्ण से जेल मे बदली गयी यशोदा पुत्री का नाम एकानंशा था, जो आज विंध्यवासिनी के नाम से पूजी जाती है |
  6. भगवान् श्री कृष्ण अंतिम वर्षों को छोड़कर कभी भी द्वारिका में 6 महीने से अधिक नहीं रहे |
  7. भगवान श्री कृष्ण ने अपनी औपचारिक शिक्षा उज्जैन के संदीपनी आश्रम में मात्र कुछ महीने में पूरी करली थी |
  8. प्रचलित अनुश्रुतियों के अनुसार भगवान् श्री कृष्ण ने मार्शल आर्ट (कलारपिट्टू  विद्या ) का विकास ब्रज क्षेत्र के वनों में किया था |
  9. कलारपिट्टू का प्रथम आचार्य कृष्ण को माना जाता है इसी कारण नारायणी सेना भारत की सबसे भयंकर  प्रहारक सेना बन गयी थी |
  10. भगवान् श्री कृष्ण के रथ का नाम जैत्र था और उनके सारथि का नाम दारुक/बाहुक था | उनके घोड़े के नाम थे शैव्य, सुग्रीव, मेघपुष्प और बलाहक |
  11. भगवान् कृष्ण का शरीर मृदु परन्तु युद्ध के समय कठोर हो जाता था ये कलारपिट्टू विद्या के कारण होता था | ये विद्या  कृष्ण के अलावा द्रौपदी और कर्ण के पास भी थी | 
  12. जनसामान्य में यह भ्रांति स्थापित है कि अर्जुन सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे परन्तु वास्तव में कृष्ण इस विद्या में भी श्रेष्ठ थे और ऐसा सिद्ध हुआ मद्र राजकुमारी लक्ष्मणा के स्वयंवर में जिसकी प्रतियोगिता द्रौपदी स्वयंवर के समान परन्तु और कठिन थी |
  13. यहाँ कर्ण व् अर्जुन दोनों असफल हो गए और तब श्री कृष्ण ने लक्ष्य वेध कर लक्ष्मणा से विवाह किया वो कृष्ण को पहले ही पति मान चुकी थी |
  14. भगवान् श्री कृष्ण ने असम में बाणासुर से युद्ध के समय भगवान् शिव से  युद्ध के समय माहेश्वर ज्वर के विरुद्ध वैष्णव ज्वर का प्रयोग करके विश्व का प्रथम जीवाणु युद्ध किया था |
  15.  भगवान् श्री कृष्ण ने कलारपिट्टू की नीव रखी जो बाद में बोधिधर्मन से होते हुए आधुनिक मार्शल आर्ट में विकसित हुयी |


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